बाबा मोहन राम एक ऐसे दिव्य संत हैं जिनके बारे में न केवल भारत, बल्कि दुनिया भर में श्रद्धा और आस्था की लहर है। वे अपने भक्तों के लिए एक चमत्कारी अवतार के रूप में पूजे जाते हैं और विशेष रूप से भिवाड़ी, राजस्थान में उनके भक्तों द्वारा उनकी पूजा होती है। काली खोली बाबा मोहन राम के रूप में प्रसिद्ध बाबा मोहन राम का इतिहास और उनके जीवन के बारे में जानने से उनके अनुयायियों को आत्मिक शांति और शक्ति मिलती है। इस लेख में हम जानेंगे बाबा मोहन राम के बारे में, उनके चमत्कारों, गुफा और मंदिर के महत्व, और उनसे जुड़ी दैवीय घटनाओं के बारे में।

बाबा मोहन राम का इतिहास और कथा
करीब 1530 ई. की बात है, राजस्थान के अलवर जिले के मिलकपुर गांव में एक ब्राह्मण भक्त नंदू रहता था। नंदू भगत की भगवान श्री कृष्ण के प्रति गहरी श्रद्धा थी। एक दिन भगवान श्री कृष्ण ने अपनी माया से नंदू के भक्ति भाव को महसूस करते हुए उन्हें दर्शन देने का निश्चय किया। भगवान श्री कृष्ण ने एक अद्भुत गाय नंदू की गायों के साथ भेजी, जो हर दिन उनके साथ चरने आती थी और शाम को पहाड़ों में गुम हो जाती थी। नंदू भगत ने यह देखा और गाय का पीछा करते हुए एक गुफा में पहुंचे। गुफा में उन्हें एक तपस्वी बाबा बैठे हुए मिले, जिनके तेज से पूरी गुफा रोशन हो रही थी। जब नंदू ने उनसे पूछा कि वह कौन हैं और उनका नाम कैसे जानते हैं, तो बाबा ने बताया कि वे बाबा मोहन राम हैं, जो त्रेतायुग में श्री राम, द्वापरयुग में श्री कृष्ण और अब कलियुग में मोहन राम के रूप में अवतार लेने आए हैं।
बाबा मोहन राम ने नंदू भगत को आशीर्वाद देते हुए कहा कि वह उनके अवतार रूप में आए हैं ताकि उनके भक्तों को मार्गदर्शन दे सकें। बाबा ने नंदू से वचन लिया कि वह उनके नाम की ज्योति जलाएंगे, जिससे न केवल उनके जीवन में बल्कि आने वाली सात पीढ़ियों में भी खुशियाँ और आशीर्वाद आएगा।
बाबा मोहन राम की गुफा और मंदिर

बाबा मोहन राम की तपोभूमि मिलकपुर, भिवाड़ी में स्थित काली खोली में है, जहां उनके दर्शन करने के लिए भक्तों की भीड़ हर साल लगती है। यहाँ एक अखंड ज्योति जल रही है, जिसे नंदू भगत ने प्रज्वलित किया था। भक्त इस ज्योति में घी चढ़ाते हैं और इसका लाभ प्राप्त करने के लिए पूजा करते हैं। माना जाता है कि बाबा की ज्योति में अर्पित घी और चढ़ाए गए भोग से भक्तों की समस्याएँ दूर होती हैं और वे जीवन में सफलता प्राप्त करते हैं। कहा जाता है कि यहां एक धूनी (आग) भी जलती रहती है, जिसमें गाय के गोबर के उपले अर्पित किए जाते हैं। इस धूनी को बाबा मोहन राम के आशीर्वाद का प्रतीक माना जाता है। जो भक्त यहां सेवा करते हैं, उन्हें बाबा की विशेष कृपा मिलती है। सेवा के रूप में मंदिर की सफाई, गरीबों को भोजन देना, पक्षियों को पानी पिलाना, और गायों को खिलाना शामिल है।
बाबा मोहन राम का नाम और प्रतीक
बाबा मोहन राम का नाम ब्रह्मा, विष्णु, और महेश (त्रिमूर्ति) का प्रतिनिधित्व करता है। उनका “बाबा” शब्द भगवान विष्णु के लिए, “मोहन” शब्द भगवान श्री कृष्ण के लिए और “राम” शब्द भगवान श्री राम के लिए प्रतीक है। यही कारण है कि उन्हें त्रिमूर्ति का रूप माना जाता है। उनका रूप एक शान्तिपूर्ण, दयालु और संजीवनी शक्ति से भरपूर है। बाबा मोहन राम के चित्रों में उन्हें नीले घोड़े पर सवार दिखाया जाता है, और उनका घोड़ा शेष नाग का अवतार माना जाता है। साथ ही, उनके सिर के चारों ओर एक सोने की अंगूठी और उनके बालों में मोर पंख होते हैं। उनके गले में रुद्राक्ष की माला और मोती की माला भी होती है, जो उनकी दिव्यता को दर्शाती है।
बाबा मोहन राम की पूजा और आरती

बाबा मोहन राम के भक्त उनकी पूजा हर दोज (छह महीने का पर्व) और विशेष त्योहारों जैसे होली, रक्षाबंधन पर करते हैं। इन अवसरों पर भक्तों की बड़ी संख्या मंदिर में दर्शन करने आती है और उनकी अखंड ज्योति को श्रद्धा से अर्पित करती है।
- मंदिर में दो मुख्य आरतियाँ होती हैं:
- प्रातः आरती: सुबह 5:30 से 6:00 बजे
- संध्या आरती: शाम 7:00 से 7:30 बजे
इसके अलावा, दोज पर एक विशेष मेला लगता है जिसमें भक्त बड़ी संख्या में हिस्सा लेते हैं। भक्त यहां से काली खोली गुफा तक यात्रा करते हैं, जहाँ बाबा मोहन राम की शक्ति और आशीर्वाद का अनुभव करते हैं। इस यात्रा में भक्तों को करीब 121 सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ती हैं।
कैसे पहुंचें बाबा मोहन राम के मंदिर?
बाबा मोहन राम के काली खोली मंदिर तक पहुँचने के लिए निम्नलिखित मार्ग हैं:
- वायु मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, दिल्ली है। यहां से मंदिर लगभग 60-70 किमी दूर स्थित है।
- रेल मार्ग: निकटतम रेलवे स्टेशन अलवर रेलवे स्टेशन है, जो मंदिर से लगभग 40 किमी दूर है।
- सड़क मार्ग: दिल्ली से भिवाड़ी तक सड़क मार्ग द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है। यहां से मंदिर तक टैक्सी या निजी वाहन से यात्रा की जा सकती है।
निष्कर्ष
बाबा मोहन राम के बारे में जानना न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह हमें उनके चमत्कारी कार्यों और दैवीय शक्तियों को भी समझने में मदद करता है। उनका मंदिर भिवाड़ी, राजस्थान में स्थित है, और वहाँ के भक्तों के लिए यह एक अत्यंत पवित्र स्थान है। बाबा की अखंड ज्योति और चमत्कारी धूनी का अनुभव सभी भक्तों के लिए एक अद्भुत आशीर्वाद है। यदि आप भी बाबा मोहन राम के दर्शन करना चाहते हैं, तो एक बार इस पवित्र स्थान की यात्रा जरूर करें और उनके आशीर्वाद से अपने जीवन में शांति और समृद्धि लाएं।